रविवार, 14 फ़रवरी 2016

दया कर दान भक्ति का

दया कर दान भक्ति का
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना

हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आखों में बस जाओ
अंधेरे दिल में आ कर के परम् ज्योति जगा देना

बहा दो प्रेम की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर
हमें आपस में मिलजुल कर, प्रभु रहना सिखा देना

हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा
सदा ईमान हो सेवा, वो सेवकचर बना देना

वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना
वतन पर जाँ फ़िदा करना प्रभु हमको सिखा देना

दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना

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