सीताराम सीताराम सीताराम कहिये
जाही विधि रखे राम, ताहि विधि रहिये |
मुख में हो राम नाम, जन सेवा हाथ में |
तू अकेला नहीं प्यारे, राम तेरे साथ में |
विधि का विधान जान, हानि लाभ सहिये ....जाही विधि रखे राम....
किया अभिमान तो फिर, मान नहीं पायेगा |
होगा प्यारे वही जो, श्रीराम जी को भायेगा |
फल आशा त्याग, शुभ काम करते रहिये ....जाही विधि रखे राम....
जिंदगी की डोर सोंप, हाथ दीनानाथ के |
महलों में रखे चाहे, झोपडी में वास दे |
धन्यवाद् निर्विवाद, राम मान कहिये ....जाही विधि रखे राम....
आशा एक रामजी से, दूजी आशा छोडदे |
नाता एक रामजी से, दूजा नाता तोड़ दे |
धन्यवाद् निर्विवाद, राम मान कहिये ....जाही विधि रखे राम....
साधू संग राम रंग, अंग अंग रखिये |
काम रस त्याग प्यारे, राम रस पीजिये |
धन्यवाद् निर्विवाद, राम मान कहिये ....जाही विधि रखे राम.
शुक्रवार, 6 मई 2016
सीताराम सीताराम सीताराम कहिये
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