बुधवार, 18 जनवरी 2017

माथे पर तिलक लगाने का क्या महत्व है?

माथे पर तिलक लगाने का क्या महत्व है?

भारत के सिवा और कहीं भी मस्तक पर तिलक लगाने की प्रथा शायद ही कहीं और भी प्रचलित हो। यह हिन्दू रीति रिवाज अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के मध्य में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक इसी स्थान पर लगाया जाता है। तिलक लगाना देवी की आराधना से भी जुड़ा है। देवी की पूजा करने के बाद माथे पर तिलक लगाया जाता है। तिलक देवी के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि स्नान के ठीक पश्चात यदि तिलक लगाया जाए तो काफी शुभ माना जाता है। भारत की पौराणिक नगरी कहलाने वाली काशी के संगम तट पर लोग स्नान करने के बाद संतों से तिलक जरूर करवाते हैं। कहते हैं कि संगम तट पर गंगा स्नान के बाद तिलक लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। किसी के माथे पर तिलक लगा देखकर मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर टीका लगाने से फायदा क्या है? क्या यह महज दूसरों के सामने दिखावे के मकसद से किया जाता है या फिर तिलक धारण का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? दरअसल, टीका लगाने के पीछे आध्यात्मिक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ की कामना भी होती है। भारतीय धर्म में जब भी कोई धार्मिक कार्य, शुभ काम, यात्रा किया जाना होता है तब उसमे सिद्धि प्राप्त करने के लिए तिलक संस्कार किया जाता है। सिर पर तिलक लगाकर इस कार्य की शुभ सिद्धि के लिए कामना की जाती है। आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है। अगर कोई तिलक लगाने का लाभ तो लेना चाहता है, पर दूसरों को यह दिखाना नहीं चाहता, तो शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है। कहा गया है कि ऐसी स्थिति में ललाट पर जल से तिलक लगा लेना चाहिए। इससे लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर कुछ लाभ बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। ललाट में टिका या तिलक जिस स्थान पर लगाया जाता है, वह भ्रू-मध्य या आज्ञाचक्र है। शरीरशास्त्र की दृष्टि से यह स्थान पीनियल ग्रंथि का है। प्रयोगो द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि प्रकाश से गहरा संबंध हे। आज्ञा चक्र ज्ञान का सबसे बड़ा केंद्र है जो चिंतन मनन में सबसे सक्रिय है। यह जगह जागृत एवं सक्रिय है चाहे हम चेतन अवस्था में हो या अवचेतन अवस्था में। इस जगह के दाई तरफ अजिमा नाड़ी और बाई तरफ वर्णा नाड़ी होती है। इसलिए तिलक लगाना सिर्फ रूढ़ीवाद या अन्धविश्वास नहीं बल्कि इसके वैज्ञानिक कारण भी है। तिलक लगाने के ये हैं जबरदस्त फायदे :
1. तिलक करने से व्व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है।
2. आज्ञा चक्र पे तिलक करने से आज्ञाचक्र को नियमित रुप से उत्तेजना मिलती रहती है। इससे सजग रुप में हम भले ही उससे जागरण के प्रति अनभिज्ञ रहें, पर अनावरण का वह क्रम हनवरत चलता रहता है। मनुष्य उर्जावान, तनावमुक्त, दूरदर्शी, विवेकशील होता है। उसकी समझ अन्यो की तुलना में अधिक होती है।
3. दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है। यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है।
4. इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है।
5. हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है। हल्दी में एंटी बेक्ट्रियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है।
6. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है। लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है।
7. माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
8. स्त्रियां लाल कुंकुम का तिलक लगाती हैं। यह भी बिना प्रयोजन नहीं है। लाल रंग ऊर्जा एवं स्फूर्ति का प्रतीक होता है। तिलक स्त्रियों के सौंदर्य में अभिवृद्धि करता है।
9. ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है। लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं। यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है।

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