मांग में सिंदूर क्यों लगाया जाता हैं
मांग में सिंदूर क्यों भरा जाता हैं (Why Are the Ladies Fill Hairline Sindoor )
सिंदूर किसी भी सुहागन स्त्री के 16 सिंगार में से एक होता हैं. जिसका उसके जीवन में बहुत ही महत्व हैं. सिंदूर सुहागन के सुहाग का प्रतीक माना जाता हैं. इसलिए विवाहित स्त्री के लिए सिंदूर अमूल्य एवं परम आवश्यक होता हैं. लेकिन प्राचीन काल की तुलना में आज के आधुनिक युग में मांग में सिंदूर भरने का प्रचलन कम हो गया हैं. फैशन के दौर में विवाहित स्त्रियाँ मांग में सिंदूर लगाती तो हैं लेकिन कैमिकल वाला सिंदूर लगाती हैं. जबकि यह धार्मिक दृष्टिकोण से तो हानिकारक हैं ही इसके साथ ही यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी गलत हैं. मांग में सिंदूर लगाना हमारे अनेक रीति – रिवाजों में से एक हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार मांग में सिंदूर लगाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण हैं. जिनकी विवेचना नीचे की गई हैं –
वैज्ञानिकों के अनुसार मांग में सिंदूर लगाने का सम्बन्ध महिला के पूरे शरीर से हैं. विवाहित स्त्रियाँ हमेशा अपनी मांग में सिंदूर मस्तिष्क के बीच में भरती हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार महिलाओं के मस्तिष्क में इस स्थान पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथि स्थित होती हैं. जिसे ब्रहमरंध्र कहा जाता हैं. ब्रहमरंध्र ग्रंथि मस्तिष्क की एक बहुत ही संवेदनशील ग्रंथि होती हैं. यह ग्रंथि महिला के मस्तिष्क के अग्र भाग से शुरू होती हैं तथा मस्तिष्क के बीच में ख़त्म होती हैं. मस्तिष्क के इस स्थान में ही विवाहित स्त्रियाँ सिंदूर लगाती हैं.ब्रहमरंध्र ग्रंथि के शुरू से लेकर अंत तक इसलिए सिंदूर लगाया जाता हैं. क्योंकि सिंदूर में एक पारा नामक धातु पाया जाता हैं. जो ब्रहमरंध्र ग्रंथि के लिए एक बेहद ही प्रभावशाली धातु सिद्ध होता हैं. ऐसा माना जाता हैं कि पारा नामक धातु महिलाओं के मस्तिष्क के तनाव को कम करता हैं तथा इस धातु के कारण ही महिलाओं का मस्तिष्क हमेशाचैतन्य अवस्था में रहता है
इसके अलावा वैज्ञानिकों का मानना हैं कि जब किसी लड़की का विवाह होता हैं तो उस पर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियों का दबाव एक साथ आता हैं. जिनका प्रभाव सीधा उस लड़की के मस्तिष्क पर पड़ता हैं. इस तनाव के करण ही विवाह के कुछ समय बाद से ही महिला सिर में दर्द, अनिद्रा जैसे अन्य मस्तिष्क से जुड़े रोगों से ग्रस्त रहती हैं. सिंदूर में मिश्रित पारा धातु एक तरल पदार्थ हैं. जो की मस्तिष्क के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता हैं. पारा इन सभी रोगों से महिलाओं को मुक्त रखने में बहुत ही सहायक होता हैं. इसलिए महिलाओं को विवाह होने के बाद अपनी मांग में सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए
हिन्दू धर्म में सिंदूर का बहुत खास महत्व है। यह एक महिला के लिए उसके सुहाग की निशानी होती है। हम जब भी कभी किसी शादीशुदा औरत को देखते हैं तो उसके माथे पर सिंदूर जरूर लगा दिखता है। एक शादीशुदा औरत को सिंदूर के बिना अधूरा माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में सिंदूर का आध्यात्मिक महत्व माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सिंदूर लगाने के पीछे के कारणों को जानने का प्रयास किया है। इस सिंदूर को ना केवल शादी के प्रतीक के रूप में लगाया जाता है बल्कि इसे लगाने के पीछे और भी कई कारण हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
परंपरागत रूप से यह पति की लंबी उम्र सुनिश्चित करने के लिए लगाया जाता है
हिंदू समाज में जब भी किसी लड़की की शादी होती हैं तो उसके लिए सिंदूर लगाना बहुत जरूरी होता है। माना जाता है कि शादीशुदा महिला का सिंदूर लगाना उसके पति की लंबी उम्र की कामना का प्रतीक होता है। यही वजह है कि विधवा औरतें अपनी मांग में सिंदूर नहीं लगती हैं।
लाल रंग शक्ति का प्रतीक माना जाता है
भारतीय पौराणिक कथाओं में लाल रंग के माध्यम से सती और पार्वती की ऊर्जा को व्यक्त किया गया है। सती को हिन्दू समाज में एक आदर्श पत्नी के रूप में माना जाता है। जो अपने पति के खातिर अपने जीवन का त्याग सकती है। हिंदुओं का मानना है कि सिंदूर लगाने से देवी पार्वती ‘अखंड सौभागयवती’ होने का आशीर्वाद देती हैं।
सिंदूर रक्तचाप को नियंत्रित करता है
सिंदूर के माध्यम से रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। सिंदूर के माध्यम से महिलाओं की पिट्यूटरी ग्रंथियां स्थिर रहती हैं।
सिंदूर औरत को शांत और स्वस्थ रखने में मदद करता है
वैज्ञानिक दृष्टि से अगर देखें तो एक औरत जब सिंदूर लगाती है तो वह सिंदूर उसके मन को शांत रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं सिंदूर से उसका स्वास्थ भी अच्छा बना रहता है।
सिंदूर देवी लक्ष्मी के लिए सम्मान का प्रतीक माना जाता है
यह कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर पांच स्थानों पर रहती हैं और उन्हें हिन्दू समाज में सिर पर स्थान दिया गया है। जिसके कराण हम माथे पर कुमकुम लगा कर उन्हें समान देते हैं। देवी लक्ष्मी हमारे परिवार के लिए अच्छा भाग्य और धन लाने में मदद करती हैं।
यह महत्वपूर्ण होता है कि पति अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर लगाए
हिन्दू धर्म में नवरात्र और दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान पति के द्वारा अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह उनके एक साथ रहने का प्रतीक होता है और इससे वो काफी लंबे समय तक एक साथ रहते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें