भजन
नमामि कालि ,नमामि दुर्गे, नमामि देवी महेश्वरी;
नमामि साक्षात् पर ब्रह्म नमामि तूँ सर्वेश्वरी ।
वरदान अहाँ सँऽ कि माँगु-2
आशीष के आस किया नै धरि -2
वरदान अहाँ सँऽ कि माँगु-2
यदि पुत कपूत भइ जग मे
कहु माता कुमाता कतौ ने सुनी -2
जौ माता कुमाता भय जग मे -2
तौं ममता नाम किया धरि
वरदान अहाँ सँऽ कि माँगु-2
हम निर्बल अधम अज्ञानी छी
पर माता एक अही पर छी -2
तैयो यदि हाथ पसार परै -2
अनुरोध कहु ककरा सऽ करी
वरदान अहाँ सँऽ कि माँगु-2
नहि कियो जग मे भेट रहल
ककरा मोनक हम बात कही-2
एहि दरभंगिया के विनती
निज पुत्र बुझि स्वीकार करी-2
वरदान अहाँ सँऽ कि माँगु-2
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