#मधुश्रावणी पूजा आ कथा
मधुश्रावणी पूजा सैं पहिने लड़का बाला ओहिठाम लड़की बला क ओतय सं नोत जाइत अछि. नोत में पांच टा रांगल सुपारी आ पीरा कागज़ पर लाल कलम सं लिखल लड़का क पिता क नाम सं पता जाइत अछि . मधुश्रावणी पूजा क ओरिआओन जाहि कन्या के नव विवाह भेल छनि ओ सावन क चौठ क संध्या काल भिन्न प्रकारक फूल आ पात तोरि रखैत छैथ जाहि घर में पूजा होयत टकरा बढियां सैं साफ़ कय निचा देल चित्र क अनुसार अरिपन परत
#गौरी बनेवाक लेल
साँझ खन भगवती ,महादेव ,ब्राह्मण ,हनुमान और गौरी कय गीत गावि, दुईब ,कांच हल्दी ,धनिया (कनी )मिला क गौर बनत,जकरा ढउरल सरवा पर एकटा सिक्का पर गौरी राखि पान क पात स झापि ,पान क पात क ऊपर सिंदूरक गद्दी राखि ललका कपडा स झापि भगवति लग राखि देवेइ I
पाँच टा मैना पात आ पाँच टा केरा पात सासुर दिस सं आ पाच टा मैना पात आ पाँच टा केरा पात नैहर दिस सं रहत जाहि में सबटा पर पाँच पाँच टा बिसहारा सिन्दूर सं ,काजर सं ,पिठार सं आ श्री खंड चानन सं लिखल जायत
कुसुमावती,पिङ्गला,चनाई,एवं लीली क पूजा क लेल चारि गोट करा क पात क पुड़ा बनायल जायत
नैवेद्य क लेल – अरवा चावल,चूड़ा,चीनी ,आम,कटहल,केला,अंकुरी
चनाई क हेतु एकता डाली में अरबा चावल ,पैसा और एटा छाछी में दही रहत
बिन्नी के मोटरी में – धनी,धान,दुब ,हरिद ,सुपारी ,बड़ी इलाइची,लौंग ,छोटकी इलाइची (11 टा क )आ पैसा सब के एक टा ललका कपडा में बाँधी के पोटरी बनायल जायत
पुरहर ,पातिल आ ओहि के निचा में धान राखल जायत
गाय क दूध ,पान सुपारी ,गौरी क लेल फूल ,नीम क पात,नेबू,कुश,
पाँच टा मईटक बिसहारा नैहर सं आ पाँच टा सासुर सं
#मधुश्रावणी पूजा आरम्भ #
भगवती,ब्राह्मण,कुलदेवता क गीत गायाल जायत
नव कनिया नहा धो सासुर सं आयल कपड़ा छुरी पहिर श्रृंगार कय भगवती आ कुल देवता क प्रणाम क पूजा स्थान पर आइ बैसथीन
पाटिल पुरहर आ कलश बाला जगह पर बालु ध क जल सं सींच ,वही पर किछु धान राखी टीनू के यथास्थान राखि,कलश के जल सं भरि ऊपर सं आम क पल्लव रखवाक छै ,टकरा बाद पाटिल में दीप लेश देवक छै
सब दिन पूजै बाला गौरी उत्तर फूल पर ,सासुर सं आयल गौरी बीच में आ नहीअर बला गौरी दक्षिण फूल पर राखि कनिया गौरी पूजा करथिन
#कलश क पूजा
अक्षत लय -“नमः शांति कलश इहागच्छ यह तिष्ट “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः शान्तिकालशया नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नमः शांति कलशया नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् शांति कलशाय नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम् शान्तिकलशाय नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि शान्तिकलशाय नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः शान्तिकालशयाय नमः “
“नमः शान्तिकुम्भ महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः शांतिकलशयाय नमः “
#सूर्य क पूजा
अक्षत लय -“नमः सूर्य इहागच्छ यह तिष्ट “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः सूर्याय नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नमः सूर्याय नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् सूर्याय नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम सूर्याय नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि सूर्याय नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः सूर्याय नमः “
“नमः सूर्याय महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः सूर्याय नमः “
#चन्द्रमा क पूजा
अक्षत लय -“नमः चन्द्र इहागच्छ यह तिष्ट”
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः चन्द्राय नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नमःचन्द्राय नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् चन्द्राय नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम चन्द्राय नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि चन्द्राय नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः चद्राय नमः “
“नमः चन्द्राय महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः चन्द्राय नमः “
#नवग्रह क पूजा
अक्षत लय -“नमः नवग्रहा:इहागच्छ यह तिष्ट “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः नवग्रहेभ्यो नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नवग्रहेभ्यो नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् नवग्रहेभ्यो नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम नवग्रहेभ्यो नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि नवग्रहेभ्यो नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः नवग्रहेभ्यो नमः “
“नमः नवग्रहेभ्यो महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः नवग्रहेभ्यो नमः “
#विषहरा क पूजा
अक्षत लय -“नमःनाग-दांपत्य इहागच्छ यह तिष्ट “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः नागदंपतिभ्याम् नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नागदंपतिभ्याम् नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् नागदंपतिभ्याम् नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम नागदंपतिभ्याम् नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि नागदंपतिभ्याम् नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः नागदंपतिभ्याम् नमः “
“नमः नागदंपतिभ्याम् महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः नागदंपतिभ्याम् नमः “
#बैरसी क पूजा
अक्षत लय -“नमःशतानुजसाहित बैरस्ये नमः “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः शतनुजसाहित बैरस्ये नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् शतानुजसाहिर बैर स्ये नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “
“नमः शतानुजसाहित बैर स्ये महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “
चनाइ क पूजा
अक्षत लय -“नमःचनाइ नाग इहागच्छ इह तिष्ठ “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः चनाइ नागाय नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं च नाइ नागाय नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् चनाइ नागाय नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम चनाइ नागाय नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि चनाइ नागाय नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः चनाइ नागाय नमः “
“नमः चनाइ नागाय महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः चनाइ नागाय नमः “
#कुसुमावती क पूजा
अक्षत लय -“नमःकुसुमावती इहागच्छ इह तिष्ठ “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः कुसुमावती नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं कुसुमावती नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् कुसुमावती नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम कुसुमावती नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि कुसुमावती नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः कुसुमावती नमः “
“नमः कुसुमावती महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः कुसुमावती नमः “
#पिंगलाक क पूजा
अक्षत लय -“नमः पिंगले इहागच्छ इह तिष्ठ “
जल लय – “एतानी पाद्यादिनी नमः पिंगले नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं पिंगले नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् पिंगले नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम पिंगले नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि पिंगले नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः पिंगले नमः “
“नमः पिंगले महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः पिंगले नमः “
लीली क पूजा
अक्षत लय -“नमः लीली नागे इहागच्छ इह तिष्ठ “
जल लय – “एतानी पाद्यादिनी नमः लीली नागाये नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं लीली नागाये नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् लीली नागाये नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम लीली नागाये नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि लीली नागाये नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः लीली नागाये नमः “
“नमः लीली नागाये महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः लीली नागाये नमः “
#साठिक पूजा
अक्षत लय -“नमः षष्ठी देवी इहागच्छ इह तिष्ठ “
जल लय – “एतानी पाद्यादिनी नमः षष्टदेव्यै नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं षष्टदेव्यै नमः “
ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् षष्टदेव्यै नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम षष्टदेव्यै नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि षष्टदेव्यै नमः “
जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः षष्टदेव्यै नमः “
“नमः षष्टदेव्यै महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः षष्टदेव्यै नमः “
तत्पश्च्यत् कनियाँ बिन्नी त मोटरी अपना खोईंछा में राखि
पांच बिन्नी तीन बेर सुनती .
#पहिल दिन क कथा
#मौना पंचमी क कथा
एक दिन एकटा बूढी स्नानक हेतु पोखैर गेलि त देखलखिन जे धार में एकटा चिकनी पात पर पाँच टा किछु लहलाहैत अछि I ओ जीव सब बूढी के कहलखिन जे –हे बूढी ! गाम जा क लोक सब के सूचित क दिअऊ जे आई मौनी पंचमी थिकैक से लोक सब अपना घर आँगन के निक जेकाँ पवित्र कय,स्नान कय पाँच टा मईटक आकृति बना ओहि में सिंदूर-पिठार लगा दूभि साईट देथिन आ हुनका पर नेबो, नीमक पात ,कुश चढेथिन I नव बर्तन में खीर आ घुरजौर बनेती .ओकर बाद बिसहारा क पूजा कय हुनका दूध,लावा ,खीर आ घुरजौर चढ़ा अपनों सब नेबो नीम खीर-घुरजौर के सेवन करैथ I जे कियो एही प्रकारे पूजा करता तिनका कल्याण हेतनि I
बूढी गाम आबि सबके कहलखिन I सब गोटा बूढी के कहलानुसारे पूजा केलनि,मुदा किछु लोग एकरा मात्र खिस्सा बुझि अनठा देलैथ I जे सब पूजा केलैथ से सब त ठीक रहला मुदा जे नय केलैथ से सब राति में मरि गेल I गावँ में हाहाकार मचि गेल I सब लोग धार लग ओहि बूढी संगे फेर गेलैथ त देखलखिन जे पाँचो बिसहारा साँप ओहिना लहलहैत छेलेथ I सब हुनका आगु कल जोरि मुइला क जियेवाक उपाय पुछलखिन I तखन बिसहारा कहलखिन जे – पहिने त ओ सब हमरा अनुसारे पावनि नहीं केलैथ ते सब मरि गेला ,आब एके उपाय जँ गाम में ककरो कराही में खीर-धोरजौर लागल हैत तँ ओकरा मूईल सब के मुँह में चटा देवैक त ओ सब पुनः जीवित भय जेता मुदा आगु सं नियमित मौनी पंचमी के पूजा करता I
गाम क लोक बिसहारा क कहलानुसार केलेथ आ सब मुइल लोक सब पुनः जीवित भय गेला ,और सब गोटा बिसहरी माता क प्रणाम कई हुनका स क्षमा मंगलैथ I
#बिसहारा क जन्म
एक दिन गौरी महादेव सरोवर में जल क्रीङा करैत छलाह I संयोगवश शिव के वीर्य स्खलन भय गेल I महादेव ओकरा पुरैनिक पात पर राखि देलखिन I ओहि सं बिसहारा पाँचो बहिन क जन्म भेल I महादेव के अपना संतान पाँचो बिसहारा सं मोह भय गेल ,ओ प्रतिदिन सरोवर में स्नान लेल जाथिन आ बङी -बङी काल धरि ओकरा सब संगे खेलैथ I गौरी क संदेह होमए लगलैन I ओ एक दिन महादेव के पाछु पाछु सरोवर तक गेलथ आ ओतय शिव के अनका संगे खेलाइत देख क्रोधित भय गेलैथ आ सब बिसहरी के फेकए लागलि I तखन महादेव हुनका बुझेलखिन जे ई सब हुनकर बेटी छिएनि आ कल्याणकारी छैथ I मृत्युभुवन में सावन मास जे एय पाँचो बहिन छी-जाया ,बिसहरी ,शामिलबारी आ दोतलि के पूजा करतैथ ओ धन-ध्यान सं पूर्ण होयतथि आ ओकरा सब तरहे कल्याण होयत I
कथा सुनला उपरांत नीचा लिखल बाचो बीनी सुनितीं
#बाचो बीनी
“पुरैनिक पत्ता ,झिलमिल लत्ता ताहि चढ़ी बैसली बिसहरी माता I
हाथ सुपारी खोईंछा पान ,बिसहरी माता करती शुभ कल्याण “II
देवता सब के प्रणाम करि बिनी क पोटरी कलश पर राखि सब जेष्ठ सब के प्रणाम करि ,पूजा बला साडी खोलि राईख देथिन,जकरा फेर सब दिन पूजा काल पहिरल जायत I
साँझ में साँझ आ कोहवर क गीत गायल जायत I एहिना मधुश्रावनी सं एक दिन पूर्व तक पूजा कथा आ बीनी होईत रहत I
Mithila sanskar
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