मंगलवार, 18 जुलाई 2017

पाँचम दिन क पूजा

पाँचम दिन क पूजा

कथा

महादेव क परिवार

दक्ष, सती के प्राण त्याग्लाक बाद हिमालय के रूप में अवतार लेलैथ I हुनका क्रमशः पाँच टा कन्या भेलनि उमा,पार्वती ,गंगा,गौरी आ संध्या I एही पाँचो क विवाह बेरि बेरि महादेव सं भेलनिI

उमा

हिमालय क मनाइन नामक स्त्री सं एकटा बेटी भेलखिन I जखन ओ पाँच वर्ष क भेलि त महादेव क वर रूप में प्राप्त करवाक कामना सं तपस्या करवा हेतु विदा भेलि I मनाईन मना करैत रहि  गेलखिन मुदा ओ नहि मानलि तें हुनकर नाम उमा पङलैन I आठ वर्ष क भेला पर महादेव हुनका तपस्या सं प्रसन्न भई हुनका सं विवाह क लेलैथ I आ मनाईन अपन माथ पिटैत रहि गेली कि हुनकर सुकुमारी क विवाह बूढ बर सं भ गेल I

पार्वती

हिमालय क दोसर बेटी पार्वती भेलखिन I पार्वती एक दिन फूल तोरबाक लेल कनक शिखर पर  गेलखिन I ओतए एकटा बूढबा क बसहा पर चढल आ डमरू बजबैत देखलखिन I पार्वती चिन्ह गेलखिन जे इ त साक्षात् महादेव छैथ I सखि सब के मना केला क बादो ओ ओकरा सब के घर विदा क बसहा  पर बैसी  महदेव संगे चलि गेली I मानाइन फेर कानैत बाजैत रहि गेली I

गंगा

हिमालय क तेसर बेटी भेलखिन गंगा I ओ जखन पैघ भेलि त एक दिन महादेव भिखारी रूप ध आबि क गंगा क अपना चोटी में नुकाए भागि गेलखिन I तहिया सं गंगा महादेव के जटा में विराजमान रहैत छैथ I

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